Sanskrit Subhashitas 160

Sanskrit
वॄत्तं यत्नेन संरक्ष्येद् वित्तमेति च याति च।
अक्षीणो वित्तत: क्षीणो वॄत्ततस्तु हतो हत:॥

Hindi
चरित्र की प्रयत्न पूर्वक रक्षा करनी चाहिए, धन तो आता-जाता रहता है। धन के नष्ट हो जाने से व्यक्ति नष्ट नहीं होता पर चरित्र के नष्ट हो जाने से वह मरे हुए का समान है॥

English
We should guard our character attentively; money can come and go. If money is lost, nothing is lost but if character is lost, everything is lost.

You May Also Like