Sanskrit Subhashitas 150

Sanskrit
कश्चित् कस्यचिन्मित्रं,
न कश्चित् कस्यचित् रिपु:।
अर्थतस्तु निबध्यन्ते,
मित्राणि रिपवस्तथा॥

Hindi
न कोई किसी का मित्र है और न शत्रु, कार्यवश ही लोग मित्र और शत्रु बनते हैं॥

English
Neither anybody is a friend of others nor enemy. Need (or situation) only makes them friend or enemy.

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