Sanskrit Subhashitas 131

Sanskritउदये सविता रक्तो रक्त:श्चास्तमये तथा।सम्पत्तौ च विपत्तौ च महतामेकरूपता॥ Hindiउदय होते समय सूर्य लाल होता है और अस्त होते समय भी लाल होता है,

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Sanskrit Subhashitas 22

22. पुण्यम् प्रीणाति य: सुचरितै: पितरं स पुत्रो यद्भर्तुरेव हितमिच्छति तत्कलत्रम्।तन्मित्रमापदि सुखे च समक्रियं य- देतत्रयं जगति पुण्यकृतो लभन्ते॥ Indeed, a son is he who

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Sanskrit Subhashitas 38

38. सज्जन अपि पौरुषमादेयं शास्त्रं चेद्युक्तिबोधकम्।अन्यत्त्वार्षमपि त्याज्यं भाव्यं न्याय्यैकसेविना॥ One who ever stands for reason must accept a science, though man made, if it stands

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Sanskrit Subhashitas 54

54. पुराणम् – नवीनम् पुराणमित्येव न साधु सर्वं न चापि काव्यं नवमित्यवद्यम्।सन्त: परीक्ष्यान्यतरद्भजन्ते मूढ: परप्रत्ययनेयबुद्धि:॥ Everything is not good simply because it is old; nor

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Sanskrit Subhashitas 165

Sanskritअर्थनाशं मनस्तापम्, गृहे दुश्चरितानि च।वञ्चनं चापमानं च, मतिमान्न प्रकाशयेत्॥ Hindiबुद्धिमान धन के नाश, मन के दुःख और घर की कलह, धोखे और अपमान को

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Sanskrit Subhashitas 148

Sanskritयथा धेनुसहस्त्रेषु वत्सो विन्दति मातरम्।तथा पूर्वकॄतं कर्म कर्तारमनुगच्छत्॥ Hindiजिस प्रकार एक बछड़ा हजार गायों के बीच में अपनी माँ को पहचान लेता है, उसी

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Sanskrit Subhashitas 115

Sanskritउद्यमेनैव हि सिध्यन्ति, कार्याणि न मनोरथै।न हि सुप्तस्य सिंहस्य, प्रविशन्ति मृगाः॥ Hindiप्रयत्न करने से ही कार्य पूर्ण होते हैं, केवल इच्छा करने से नहीं,

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Sanskrit Subhashitas 98

98. आचार आचारसंभवो धर्मो धर्माद् वेदा: समुत्थिता:।वेदैर्यज्ञा: समुत्पन्ना यज्ञैर्देवा: प्रतिष्ठिता:॥ Dharma is born of good conduct, the Veda-s (scriptures) have sprung from Dharma alone; the

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